मिस्र देश ( इजिप्ट ) पिरामिडों और उनमें रखी ममी के लिए जाना जाता है। ममी इंसानों और जानवरों के सुरक्षित रखे मृत शरीर को कहा जाता है जिन्हें पिरामिड या ऐसी दूसरी जगहों पर रखा जाता था जहां इनको किसी बाहरी खतरे, वातावरण से सुरक्षा मिलती रहे ताकि ये लम्बे समय तक सुरक्षित रह सके।

ऐसी ही एक इजिप्तियन ममी को आज से 131 साल पहले जयपुर के अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम लाया गया था। तुतु नाम की यह ममी मिस्र के एक पुजारी के घर पैदा हुई लड़की की है। जिसे करीब 2340 साल पुरानी बताया जाता है, टोलेमैक पीरियड ( 322 BC से 30 BC ) के दौरान की।

अल्बर्ट हॉल जो कि इंडो-सरसनिक स्टाइल में बना हुआ है। इसलिए ममी को यहाँ रखने के लिए उस कक्ष को पहले वैसा ही बनाया गया जैसा एक ममी के रखने के लिए उपयुक्त होता है। तुतु ममी को अल्बर्ट हॉल में एक कांच के बक्से में रखा हुआ है ताकि वो बाहरी वातावरण, ऑक्सीजन, और धूल-मिट्टी से सुरक्षित रहे। तब के महाराजा सवाई ईश्वर सिंह के समय तुतु ममी को कायरो, इजिप्ट से सन् 1887 में लाया गया और 1890 में अल्बर्ट हॉल बनते ही इसे यहाँ रख दिया गया।

अल्बर्ट हॉल घुमने आने वालों के लिए सबसे बड़ा अट्रैक्शन यही है। इसकी सार-संभाल यहाँ के वर्कर्स के आलावा इजिप्तियन मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर भी देखती है। भारत में कुल 6 ममी रखी हुई है उनमें से एक जयपुर में है। जब इस ममी को ब्रुघ्स्च बेय द्वारा गिफ्ट करा जा रहा था तब जयपुर, जैपुर के नाम से जाना जाता था।
हर कुछ सालों में इजिप्ट से एक टीम भारत आती है और इन ममीयों का कम्पलीट चेक-अप करके जाती है। 2018 से पहले आखिरी बार यह टीम 2011 में आई थी।

कुछ और बातें ‘तुतु ममी’ को लेकर:
- इसे तुतु ममी के आलावा जयपुर ममी के नाम से भी जाना जाता है।
- इस ममी को जयपुर में लाने का समय कुछ लोग सन् 1883 बताते है तो कुछ 1887 का बताते है।
- अगर सन् 1887 को सही माना जाए तब भी उस समय भारत की यह पहली ‘ममी’ थी।
- जब इस लड़की की मौत हुई होगी तब उसकी उम्र 20 साल से कुछ ही ज्यादा की रही होगी।
- इस ममी की लम्बाई 162 सेंटीमीटर के आसपास है।
Content Source: Albert Hall Jaipur, ToI, Fandom