आपने धूम पिक्चर तो देखी ही होगी…? धूम, धूम-2 फिर आती है धूम-3…! उसमें दिखाया है कैसे चोर अपनी सुपर बाइक को सड़कों पर दौड़ता है। लेकिन चोरी की बात आती है तो जब हम छोटे थे तब रबड़, पेन्सिल या शार्पनर की चोरी होते देखते या सुनते थे। फिर थोड़े बड़े हुए तो घड़ी या साइकिल वगैरा के चोरी होनी की खबर कानो तक आने लगी। कुछ दिनों पहले तक हम मोबाईल, लैपटॉप, मोटरसाइकिल या ज्यादा से ज्यादा कार चोरी होने की खबरें पढ़ते थे। लेकिन इस बार तो गजब ही हो गया। चोर ने चोरी की पराकाष्ठा ही लांग दी। अगर आपको ये पता चले कि चोर ने लो-फ्लोर बस की चोरी की और उसके बाद उस बस को 24 घंटो तक सड़क पर दौड़ाया, तो सुनने में अजीब लगेगा ना?
ऐसा ही हुआ है वो भी अपने ही शहर, जयपुर में। जयपुर में शनिवार रात जब हम और आप घर में बैठकर न्यूज़ चैनलों पर ‘मौत के बाथटब’ की गहराई नाप रहे थे ठीक उसी समय हमारे ये चोर महाशय शराब के नशे में धुत्त होकर लो-फ्लोर बस की चोरी करने में लगे हुए थे। लो-फ्लोर बस वही है जिसे लोग अक्सर ‘लाल वाली’ कहकर पुकारते है। चौकानें वाली बात ये है कि चोर महाशय इसी लाल बस के ड्राईवर भी है।
शराब एक बार अन्दर जाती है तो क्या-क्या करवा देती है यह वाक़या इसका सबसे अच्छा उदहारण है। शायद यही वजह रही होगी जब पारो ने देवदास को कहा था कि, शराब छोड़ दो… देवदास शराब छोड़ने पहले ही दुनिया छोड़ जाते है। लेकिन इस चोर ड्राईवर की ये बेवकूफी भरी हरकत बाकि लोगों पर भारी पड़ सकती थी। शनिवार रात यह चोर लो-फ्लोर को ग्वार,दादिया और बक्सावाला गाँव की तरफ लेकर गया और इन गाँवों के आसपास बस को नशे की हालत में 24 घंटे तक घुमाता रहा। वो तो गांववालों की शिकायत पर फ्लाइंग टीम वापस बस को डिपो लेकर आई, वरना यह बात न जाने कितने और घंटो तक दबी रहती।
गांववालों के अनुसार ड्राईवर बस को बेहद खतरनाक तरीके से चला रहा था। इन 24 घंटो के दौरान कई बार उसकी बस गड्ढो में भी फसीं तब गांववालों की मदद से उसने बस को गड्ढो से बाहर निकलवाया। ड्राईवर चूँकि बक्सावाला का ही रहने वाला था इसलिए गाँव के लोग उसे जानते थे इस वजह से उसे उनके गुस्से का शिकार नहीं होना पड़ा। बावजूद इसके गांववालों में डर ज़रूर बना हुआ था कि कहीं इसके इस तरह चलने के चक्कर में अनहोनी न हो जाए।
बिल्कुल ऐसा ही वाक़या ठीक एक सप्ताह पहले भी हुआ था जब शराब के नशे में चूर, एक चोर ने विद्याधर डिपो से बस चुराई और टोल नाके को तोड़ते हुए एक साईकिल सवार वृद्ध को कुचल डाला। तब भी बस चुराने वाला लो-फ्लोर का ड्राईवर ही था। हालाँकि पुलिस ने चोमू के पास से उसे पकड़ ज़रूर लिया था लेकिन JCTSL की तरफ से कोई FIR नहीं होने की वजह से उसे सिर्फ़ 2 घंटे में छोड़ दिया गया। यह केस भी कुछ उसी तरह का बनता जा रहा है। डिपो मेनेजर इस घटना से अनजान है उसनें न तो अब तक FIR दर्ज करवाई और ना ही उसे ढूंढने की कोशिश की।
पिछले कुछ समय से जयपुर में लो-फ्लोर बस से हादसे बढ़े है। यहाँ की जनता वैसे ही गुस्से में है और ऊपर से ऐसी घटनाओ का होना उनके गुस्से और डर को बढ़ाएगा। लो-फ्लोर बस उनकी सुविधा के लिए जयपुर की सड़कों पर चल रही है ना कि उनके मन में डर को बैठाने के लिए। अधिकारीयों को इस मामले में सजग रहना पड़ेगा खासकर उन्हें जिनको भनक तक नहीं लगती और उनके नाक के नीचे ये सब हो जाता है।
News Courtesy: Rajasthan Patrika